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20 Jan 2018 · 1 min read

जिन्दगी के इम्तेहान

जिन्दगी बहुत इम्तेहान लेती है
कभी हसाती और कभी रूलाती है
मन विचलित जब होता है
रह रह कर उनकी याद सताती है

प्यार मोहोब्बत से जब संवारने लगो
अपने दिनों को सँभालने लगो
किस्मत भी आ कर तरसाती है
तब उनकी याद बहुत सताती है

कशमकश से भरी हुआ जिन्दगी
खुद पर हाथ रखने नहीं देती
मन को झकझोर कर चल देती है
बस उनकी याद बहुत रुलाती है

पास होने का एहसास ही बस होता है
वक्त जानता है क्या क्या खोता है
एकांत में मन पुकारता है जब उन्हें
याद सताती है पर वो नहीं आती है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 514 Views
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