जिन्दगी का सबक
सबक जिन्दगी ने हमें
खूब है सिखाया
पग- पग पर हमें सताया
पल-पल हमें रुलाया
हँसने चली थी मै
अपनो के साथ मिलकर
यह वहाँ भी पहुँचकर
अपनो से लड़वाया
यह चाह रही थी हमें झुकाना
हम भी कम न थे
हमने भी सोच लिया था
पूरे जोश के साथ
जिन्दगी से टकराना
फिर क्या था
हम दोनो मे ठन गई लड़ाई
उसने हमें सबक सिखाने के लिए
कई हथकंडे अपनाई
वह कोशिश करती रह गई
पर हमसे जीत न पाई
देकर मात मैने भी उसे
अपनी खुशी छिन लाई
आज भी चल रही है
हम दोनो की लड़ाई
न मै अभी टूटी हूँ
न वो हमसे आगे आ पाई।
~अनामिका