जिन्दगी और दर्द
जब जिन्दगी ने
जरूरत से ज्यादा दर्द दिया
मैने भी दर्द मे
हँसने का हुनर सीख लिया
तब से किसी को पता ही
नही चलता है
मै कब दर्द मे रहती हूँ
और कब मेरे जीवन खुशी रहता है
अब लोग इंतजार करते रहते है
आखिर यह रोती क्यो नही
सोचते रह जाते है लोग
लगता है इसके जीवन मे अब
किसी तरह का कोई दर्द
आता ही नही है।
~अनामिका