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21 Feb 2021 · 1 min read

जिन्दगी इतने इम्तिहान मत ले

जिन्दगी
इतने इम्तिहान
मत ले
एक हद तो तय कर
अपनी
कहीं तो रुक
थम जा और
सांस ले
मैं कहां कहीं भागी जा रही हूं
मेरी किस्मत इतनी अच्छी कहां कि
यह दुनिया छोड़कर चली जाऊं
तू मेरे रक्षा कवच और
अपने बचाव के लिए
मेरे द्वारा निर्मित
मेरी ढाल को साधने का
मुझे थोड़ा सा तो समय दे
फिर मैं तैयार हूं
चल अब शुरू हो जा
फिर से जितने चाहे तू मुझ पर
मुसीबतों के
एक के बाद एक
बेतहाशा
बिना रुके
दो धारी नुकीली तलवार से
वार कर।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 239 Views
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