*जिनसे दूर नहान (हास्य_कुंडलिया)*
जिनसे दूर नहान (हास्य_कुंडलिया)
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अभिनंदन उनका करें ,आलस में जो दक्ष
सर्दी में आए नहीं , जल के कभी #समक्ष
जल के कभी समक्ष ,नहाकर नियम न तोड़ा
दस से पहले रोज ,नहीं बिस्तर को छोड़ा
कहते रवि कविराय ,शीत में उनका वंदन
जिन से दूर नहान ,सभी का है अभिनंदन
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451