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9 Dec 2018 · 1 min read

जिदंगी अपनी

आज दुश्मन है जिदंगी अपनी
खुशी ज्यादा कहां रही अपनी

जरूरतो के सफर मे रहा हमेशा
कट गई यूं ही जिंदगी अपनी

भूल जाता हूँ सभी उदासियों को
यादे हो साथ दोस्ती की अपनी

टूक टूक करके जिदंगी खत्म हुई
रह गई बस केवल यादे अपनी

उसकी आवाज सुनी तो खुशी मिली
लगा सदियो की प्यास मिटी अपनी

सुनने वालो को होती है जलन
ऐसी ही है ये जीवनी अपनी

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