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27 Aug 2022 · 1 min read

जितना ये मन भावुक होगा उतना ही दुर्बल होगा

जितना ये मन भावुक होगा उतना ही दुर्बल होगा।
उतना ही इसको दुख होगा जितना ये निश्छल होगा।

कोई नहीं किसी का जग में बात समय ने सिखलाई।
यही खूबसूरत जीवन की तीखी कड़वी सच्चाई ।
इस अनुभव का भान सभी को आज नहीं तो कल होगा।
जितना ये मन भावुक होगा उतना ही दुर्बल होगा।

रिश्ते नाते जुड़े हुए हैं बस साँसों के बंधन से ।
और टूटते ही ये बंधन विस्मृत हो जाते मन से।
देख देखकर ये हर कोई कैसे नहीं विकल होगा।
जितना ये मन भावुक होगा उतना ही दुर्बल होगा।

अपने लिए कहाँ जी पाये, हम जी भरकर ये जीवन।
एक समस्या खत्म हुई तो खड़ी दिखी दूजी उलझन।
कदम बढ़ाते रहे सोचकर कहीं छुपा तो हल होगा।
जितना ये मन भावुक होगा उतना ही दुर्बल होगा।

27-08-2022
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
6 Likes · 6 Comments · 1083 Views
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