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27 Sep 2024 · 1 min read

****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****

****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
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साडी अखियाँ दा तारा,लगे जान तों वी प्यारा।
घासी कुल दा सितारा,जीवें नीले अंबरा दा तारा।
उमरां दे भाग लग जाण,जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया-२।
1
की मै सिफ़तां करां,की – की जिक्र करां,
लग जावे ना नजर, सदा एहो फ़िक्र करां।
कदे ना फुल झड़ जान, टूट जाए ना दरख्त पुराणा।
उमरां दे भाग लग जाण, जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया-२।
2
सदा चंगे किते न करम,रखया न्या दा धरम,
कदे कोई किता ना भरम,रखी उच्चे निवें दी शरम।
सजे खबे गल्लां होंदियाँ,बंदा बिरादरी दा ओ सियाणा।
उमरां दे भाग लग जाओ, जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया-२ल।
3
सच्ची किती किरत कमाई,रीत प्रीत दी निभाई,
समाई स्नेह गहराई, पिलाई प्रेम दी दवाई।
मनसीरत फरियाद करदा,बनया रहे सरदार दा बाणा।
उमरां दे भाग लग जाण जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया-२।

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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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