*”जिंदगी”*
“जिंदगी’
जिंदगी के संग उधेड़बुन में,
मानो ताना बाना बुनते अपने ही ढंग से निभाते हुए जिंदगी।
जीवन के नए मोड़ पर कभी खुशी कभी गम दे जाती है जिंदगी।
हाथ मिलाती एक दूसरे के पास बुलाती कभी हंसाती कभी रुलाती है जिंदगी।
जीवन में कभी घबराकर कभी शरमा कर कभी मायूस होकर डरा धमका देती है जिंदगी।
कभी धूप में कभी छाँव में अनुभव एहसास करा देती है जिंदगी।
नीला आकाश चहुं ओर ठंडी शीतलता प्रदान देती है जिंदगी
सुबह जिंदगी शाम जिंदगी कभी हार कभी जीत देती है जिंदगी
साज जिंदगी राज जिंदगी दो मीठे बोल अल्फाज है जिंदगी।
रीत जिंदगी प्रीत जिंदगी जीवन मधुर संगीत है जिंदगी।
सुखद अनुभव आश्चर्य हर पल नये एहसास कराती है जिंदगी
सभी का खुमार दौलत बेसुमार सब पे निसार अंतिम समय है जिंदगी।
जीवन अनमोल तोहफा ईश्वर ने दिया है अच्छे कर्मों से संवार लो जिंदगी।
शशिकला व्यास ✍️