जिंदगी है तो चलता तन
विधा – तांका
तन चलता
जीवित है शरीर
ये रिश्ते नाते
प्राण पखेरू उड़े
पंचतत्व विलीन
नश्वर तन
माया मोह ममता
निकले प्राण
सूनी हुई दुनियाँ
टूटे रिश्ते हमारे
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
विधा – तांका
तन चलता
जीवित है शरीर
ये रिश्ते नाते
प्राण पखेरू उड़े
पंचतत्व विलीन
नश्वर तन
माया मोह ममता
निकले प्राण
सूनी हुई दुनियाँ
टूटे रिश्ते हमारे
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल