Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

जिंदगी है तुझसे

जिंदगी है तुझसे खूबसूरत,फिर ये दिल तेरे नाम क्यों ना हो
जिंदगी की धूप तुमसे,फिर तुम्हारे साथ् ये शाम क्यों ना हो

तेरे दरस को तरसे ये आँखे तुझसे मिलन की चाह लगी है
पल- पल को तरसे ये मन,तुझ बिन कोई काम क्यों ना हो

सुबह शाम जपे बस तेरी माला,ख्वाबों में बस तुम छाये गए
तुझसे प्रीत लगी है इस कदर, ये दिल तेरा गुलाम क्यों ना गए

ममता रानी
झारखंड

Language: Hindi
Tag: Poem
1 Like · 104 Views
Books from Mamta Rani
View all

You may also like these posts

हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
Abhishek Soni
संभालने को बहुत सी चीजें थीं मगर,
संभालने को बहुत सी चीजें थीं मगर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Labour day
Labour day
अंजनीत निज्जर
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
प्रभु का प्राकट्य
प्रभु का प्राकट्य
Anamika Tiwari 'annpurna '
गली में तेरे हर रोज फिरता था मैं।
गली में तेरे हर रोज फिरता था मैं।
Rj Anand Prajapati
ज़माने से मिलकर ज़माने की सहुलियत में
ज़माने से मिलकर ज़माने की सहुलियत में
शिव प्रताप लोधी
बहुमत
बहुमत
मनोज कर्ण
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
Sumer sinh
दिल को किसी के रंग में...
दिल को किसी के रंग में...
आकाश महेशपुरी
मातु शारदे
मातु शारदे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
सौन्दर्य
सौन्दर्य
Ritu Asooja
प्रकृति का प्रतिशोध
प्रकृति का प्रतिशोध
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रश्न ......
प्रश्न ......
sushil sarna
कलयुग और महाभारत
कलयुग और महाभारत
Atul "Krishn"
3425⚘ *पूर्णिका* ⚘
3425⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
विश्वास की डोर
विश्वास की डोर
कार्तिक नितिन शर्मा
जिंदगी के रंग
जिंदगी के रंग
Kirtika Namdev
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
DrLakshman Jha Parimal
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
Dr fauzia Naseem shad
F
F
*प्रणय*
- जो इश्क करता है फिर वो कुछ नही करता -
- जो इश्क करता है फिर वो कुछ नही करता -
bharat gehlot
सरफरोश
सरफरोश
Shekhar Chandra Mitra
जीवन की भूल
जीवन की भूल
Sudhir srivastava
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
Sanjay ' शून्य'
जातिवाद का भूत
जातिवाद का भूत
मधुसूदन गौतम
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...