जिंदगी है इन्द्रधनुष
रंग बिरंगी
दुनियाँ सारी
फैली चहुंओर
हरियाली
बरसे बरखा
घुमड़ घुमड़
धरती हुई
मतवारी
कारे बदरा
घुमड़ घुमड़े
दिखे इन्द्रधनुष
आसमां
इन्द्रधनुष का
है संदेश
जीवन
जियो सतरंगी
प्रेम भाव
रखे बनाए
न रखो मन में
कोई अंदेश
जीवन है
चार दिन का
जीवन में
मिले जहाँ
अपनापन
ईश्वर वास
है वहाँ
हो जाए
दुनियां
इन्द्रधनुष वहाँ
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल