Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2018 · 1 min read

*जिंदगी से प्यारा है*

गुरु का भजन करना ,हमें जिंदगी से प्यारा है।
भूल कैसे जाऊं जिसने,ये जीवन सँवारा है ।।
बालक में अबोध था ,जब धरती पे आया ।
रहना है किस विधि यहां ,ये उन्ही ने सिखाया।।
विसर्जन करना उनका यह , हमें ना गवारा है।
भूल————————————————-।१।

जानता था इतना मैं वस ,किलकारियां ही भरना।
और परछाइयों से ही ,अपने आंगना में डरना ।।
पकड़ के ऊँगली अपनी , आगे बढ़ना सिखाया।
पंकिलता में भी था एक, एक पथ दिखलाया ।।
है ना वही गुरु जी हमें ,अपने प्रानों से प्यारा है।।
भूल ————————————————-।२।

यों तो माना उन्होंने , हमें अपना प्यारा गहना ।
बताया उन्हीं ने हमें , ‘ह’ से ‘ हाथ’ कहना ।।
भले और बुरे का अंतर भी, उन्हीं ने बताया।
अर्थ आग पानी का भी, था उन्हीं ने बताया ।।
सुलझी अनसुलझियों का,भेद खोला सारा है।।
भूल————————————————–।३।

पायी हैं मंजिल हमने , उनका कृपा है उनकी ।
काम आज आयीं हैं ,हमको सीखें सब उनकी।।
दुनिया का चलनो चालन,हमें है उन्हीं ने बताया।
अँधेरे को दीपक देना , है उन्हीं ने दिखाया ।।
उनकी वरदानों से अपनी ,आज हुयी पौवाराः है ।
भूल ————————————————-।४।

चाहता हूँ हो के नत मैं , सिर पे बिठा लूँ ।
ग्यान अनोखे सब ,मैं बहु विधि पा लूँ ।।
हूँ मैं अधूरा , पर ग्यान गुथियाँ अधिक हैं ।
आशाएं चढ़ती मेरी ,बहुत ही विधिक हैं ।।
कब रुक जाए नैय्या, यह बहती हुई धारा है।।
भूल————————————————–।५।

Language: Hindi
Tag: गीत
540 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लोगों के दिलों में,
लोगों के दिलों में,
नेताम आर सी
गणेशा
गणेशा
Mamta Rani
3433⚘ *पूर्णिका* ⚘
3433⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ऐश ट्रे   ...
ऐश ट्रे ...
sushil sarna
एक दीप हर रोज जले....!
एक दीप हर रोज जले....!
VEDANTA PATEL
अभी एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा...
अभी एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा...
पूर्वार्थ
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
संतोष
संतोष
Manju Singh
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
रात तन्हा सी
रात तन्हा सी
Dr fauzia Naseem shad
" पतंग "
Dr. Kishan tandon kranti
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
Suryakant Dwivedi
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
जै हनुमान
जै हनुमान
Seema Garg
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मोमबत्ती
मोमबत्ती
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बेटे का जन्मदिन
बेटे का जन्मदिन
Ashwani Kumar Jaiswal
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
Keshav kishor Kumar
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
Loading...