Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2025 · 1 min read

जिंदगी में किसी को रुला कर आप हवन करते हैं तो कोई लाभ नहीं ह

जिंदगी में किसी को रुला कर आप हवन करते हैं तो कोई लाभ नहीं होता है, लेकिन आप हर दिन सिर्फ एक व्यक्ति को हंसाते हैं तो साहब अगरबत्ती जलाने की कोई जरूरत नहीं है।

“कर्म ही असली नियति है”

12 Views

You may also like these posts

बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
Rituraj shivem verma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
यह कैसी विडंबना है, जहाँ सत्य का अभाव है, ताड़का की प्रवृत्त
यह कैसी विडंबना है, जहाँ सत्य का अभाव है, ताड़का की प्रवृत्त
पूर्वार्थ
क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (Is there a solution to all the problems in Srimad Bhagavad Gita?)
क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (Is there a solution to all the problems in Srimad Bhagavad Gita?)
Acharya Shilak Ram
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
"जुदाई"
Priya princess panwar
पंखुड़ी गुलाब की
पंखुड़ी गुलाब की
Girija Arora
है जो मुआ गुरूर
है जो मुआ गुरूर
RAMESH SHARMA
सुकून
सुकून
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"दो पहलू"
Yogendra Chaturwedi
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
gurudeenverma198
कौन है वो
कौन है वो
Sonam Puneet Dubey
दोहा पंचक . . . . भूख
दोहा पंचक . . . . भूख
sushil sarna
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
कवि रमेशराज
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
Paras Nath Jha
अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
seema sharma
@ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया...
@ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
फर्क़ है
फर्क़ है
SURYA PRAKASH SHARMA
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
शेखर सिंह
किताब ए दिल
किताब ए दिल
हिमांशु Kulshrestha
जपू नित राधा - राधा नाम
जपू नित राधा - राधा नाम
Basant Bhagawan Roy
हम बच्चे ही अच्छे हैं
हम बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
*बेचारे लेखक का सम्मान (हास्य व्यंग्य)*
*बेचारे लेखक का सम्मान (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
Happy Sunday
Happy Sunday
*प्रणय*
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
हमारा नमन
हमारा नमन
Mahesh Tiwari 'Ayan'
2981.*पूर्णिका*
2981.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...