जिंदगी में कभी…..
जिंदगी में कभी आह भरना न तुम,
भूल जाओ अगर याद करना न तुम!
चाहे जो बात हो हल न हो पास में,
आज को देखकर यार डरना न तुम!
वक्त ही तो है ये पार हो जाएगा,
टूटकर कांच सा यूँ बिखरना न तुम!
दर्द से आजतक कौन छूटा रहा,
दर्द में हद से आगे गुजरना न तुम!
बदनसीबी रही बस मिरे प्यार की,
बात करने से कोई कतरना न तुम!
बेवफा है तो क्या जिंदगी ये अगर,
जिम्मेदारी से अपने मुकरना न तुम!
हम तो महफूज है अपने ‘एकांत’ में,
दूर जाते हुए अब ठहरना न तुम!
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शशिकांत शांडिले (एकांत),नागपुर
मो.9975995450