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3 May 2022 · 1 min read

जिंदगी में कभी…..

जिंदगी में कभी आह भरना न तुम,
भूल जाओ अगर याद करना न तुम!

चाहे जो बात हो हल न हो पास में,
आज को देखकर यार डरना न तुम!

वक्त ही तो है ये पार हो जाएगा,
टूटकर कांच सा यूँ बिखरना न तुम!

दर्द से आजतक कौन छूटा रहा,
दर्द में हद से आगे गुजरना न तुम!

बदनसीबी रही बस मिरे प्यार की,
बात करने से कोई कतरना न तुम!

बेवफा है तो क्या जिंदगी ये अगर,
जिम्मेदारी से अपने मुकरना न तुम!

हम तो महफूज है अपने ‘एकांत’ में,
दूर जाते हुए अब ठहरना न तुम!
——————//–
शशिकांत शांडिले (एकांत),नागपुर
मो.9975995450

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