जिंदगी भर के लिए , माँगी थी साथ ।
रब से भी दुआ मांगी थी।
जो हो ना सका कबुल।
शिद्दत से चाहा जिसे , वही हो गया दूर। फिर भी दिया प्यार का वास्ता , उसे तो था जरूरत से नाता था,जीना चाहती थी जिदंगी , मरने से पहले ,माँगी थी जिदंगी रब से पहले
जो हो ना सका कबुल _ डॉ. सीमा कुमारी , बिहार