जिंदगी भर उसे भुला न सके।
गज़ल
2122…….1212……22/112
जिसको दिल में कभी बिठा न सके।
जिंदगी भर …….उसे भुला न सके।
बात है वक्त वक्त ………..की यारो,
नाज नखरे …….कभी उठा न सके।
जिसकी बाहों में …….प्यार से झूला,
प्यार से उसको भी …खिला न सके।
जंग कह लो कि …..जिंदगी कह लो,
हारना मत अगर ………हरा न सके।
मयकशी से कहाँ ……….भला होगा,
इश्क का जाम गर …..पिला न सके।
ढाई आखर पढ़े न ……अब तक जो,
प्रेमी होकर भी ……..प्रेम पा न सके।
……✍️ प्रेमी