जिंदगी बोझ लगेगी फिर भी उठाएंगे
जिंदगी बोझ लगेगी फिर भी उठाएंगे
पैरो के छालों को हम न किसी को दिखाएंगे ।
हाथो की लकीरें हमारी मिट गई है
मेहनत से लकीरों को हम बनाएंगे।
आंसुओं आएंगे हमे अपने साथ बहाएगे
मुश्किलों में अपने ही हमसे हाथ छुड़ाएंगे ।
चेहरे पर हम सिकन तक न आने देगे
खुद को जिंदगी के आगे कमजोर न बनाने देगे।
हौसला है हिम्मत है जुनून सवार रखते हैं
जिंदगी तेरे दिए गए दर्द से प्यार करते हैं।
टूट कर बिखर जाऊं सुखा पत्ता नही बनाना है
जड़ बन कर तूफानों में भी जम कर दिखाना है।
आंखो में उम्मीद का दीपक लगाएं रखना है
घर में रोशनी की किरण बनाए रखना है।
किस्मत का लिखा मेहनत से रंग लाएंगे
ए जिंदगी कभी न कभी तो हम भी मुस्कुराइएगे।