जिंदगी तुझे
ज़ज्बात लिखूँ अपने हालात लिखूँ ।
जिंदगी किस तरह तुझे साथ लिखूँ ।
डूबकर तन्हाइयों में अक्सर ,
खुशियों की मुलाक़त लिखूँ ।
जी रही जिंदगी ख़ातिर जिनके,
सपनों के उनकी सौगात लिखूँ ।
न जीतकर भी अपने हालत से ,
जीतने के मैं अपने ज़ज्बात लिखूँ ।
चलता हूँ नमुकम्मिल सा सफर पे ,
मुकम्मिल सफ़र से हालात लिखूँ ।
अपने ज़ज्बात लिखूँ हालात लिखूँ ।
जिंदगी तुझे”निश्चल”विश्वास लिखूँ ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@….