जिंदगी को खामोशी से गुज़ारा है।
थोड़ा हंसने थोड़ा रोने का इरादा है।
अभी तक जिंदगी को खामोशी से गुज़ारा है।।1।।
मेरा ये दिल इश्क में हुआ शरारा है।
कुछ तू भी तो बता दे कि तेरा क्या इशारा है।।2।।
सागर की मौजे डरा रही है सबको।
साहिल पाने को कश्ती को रब का सहारा है।।3।।
तन्हाई में कटी है ये जिंदगी हमारी।
हम ना हुए किसी के कोई ना हुआ हमारा है।।4।।
दादाजी को इत्मीनान हुआ है बडा।
पोते ने अपने बाप को जवाब दिया करारा है।।5।।
किसी रोते हुए बच्चे को हंसा दो।
सवाब होगा बड़ा कुछ ना जाएगा तुम्हारा है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ