जिंदगी की सांसे
जिंदगी की सांसे
घटती जा रही है
ख्वाहिश बढ़ती जा रही है
और अपनों से अपनेपन की
मिठास मिटती जा रही है ।
हरमिंदर कौर अमरोहा
जिंदगी की सांसे
घटती जा रही है
ख्वाहिश बढ़ती जा रही है
और अपनों से अपनेपन की
मिठास मिटती जा रही है ।
हरमिंदर कौर अमरोहा