जिंदगी की किताब
जिंदगी का सफ़र मुश्किल नहीं
डरने से कभी मिलती मंज़िल नहीं।
लोग हमेशा करते हैं मुश्किल जीना
मगर तू चुप रह कर न ज़हर पीना।
तरक्की देख कर माना सब है जलते
बाद में सब रह जाते हैं हाथ मलते।
खुद ही मेहनत से बना जिंदगी आसां
देखना खुदा भी साथ तेरा देगा यहां
कदम आगे तू अब बढ़ा डरे बिना
देखो स्वर्ग किसने देखा मरे बिना।
सुरिंदर कौर