जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब लिए बैठे हैं।
तेरे ज़ुल्मों की किताब लिए बैठे हैं।
तेरी बेवफ़ाई को दिल मानता नहीं
अरमां दिल के बेताब लिए बैठे हैं।
कितनी बार गिर कर हम खड़े हुए
बस किरदार लाजवाब लिए बैठे हैं।
तू यूं नजरें न चुरा हमको देखकर
हम दिल तेरा जनाब लिए बैठे हैं।
तुम महंगे हो,हम यकीनन है कीमती
दिल हम इक नायाब लिए बैठे हैं।
सुरिंदर कौर