जिंदगी का सफर
यह सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। यह सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। अकेला चलेगा तो भटक जाएगा। यह सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। गुरुवर को साथ लेकर अगर चलेगा। आसान होगा तेरा सफर यह पता ना चलेगा। यह सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। कई मोड़ तुझको ऐसे मिलेंगे जहां ना तुझको समझ आएगा। वहां पर ही तुझको काम गुरु इसी आएगा। यह सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। अगर तूने जरा ध्यान ना दिया तो भटक जाएगा। अगर साथ है तेरे आशीर्वाद माता-पिता का तो बच जाएगा। यह सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। कदम कदम पर यहां कांटे मिलेंगे गिला शिकवा को ना साथ लेना कभी। यहां पर तो ना दोस्ती भरी है। ना दुश्मनी भली है। सभी से मिल जुल कर रहना पड़ेगा। सफर जिंदगी का कैसे तय करेगा। अकेला चलेगा तो भटक जाएगा