जिंदगी का सफर
******ज़िंदगी का सफर******
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ये जिन्दगी का सफर सुहाना है
हर शख़्स जीने का दीवाना है
चाय पर बुलाने का बहाना है
पीलाने के बहाने मनाना है
ज़िंदगानी ज़िंदादिली का नाम है
बुरे लम्हों को तुम्हें भूल जाना है
जीवन मिलता ना कभी दुबारा है
खुदा का दिया सुन्दर नजराना है
खुश रहिए,खुशी से मिलते रहिए
आख़िरकार सभी ने मर जाना है
भूल से भी बुरा कभी मत सोचिए
प्रेम समर्पण का मंत्र पुराना है
प्यार बांटने से प्यार बढ़ता सदा
प्रीत रीत को दिलों से निभाना है
फूलों सा कोमल हयात सुखविंद्र
काँटों से सदा रहते बचाना है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)