जिंदगी का अनमोल रतन है दोस्ती (कविता)
” जिंदगी का अनमोल रतन है दोस्ती
जिंदगी जीने का दूसरा नाम है दोस्ती ”
हमने मिटटी के घरों में रहकर भी हमेशा दोस्तों के साथ बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं
बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, लुका-छुपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल खेले हैं
” जिंदगी का अनमोल रतन है दोस्ती
जिंदगी जीने का दूसरा नाम है दोस्ती ”
साथ बैठकर दोस्तों के संग कम बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क भी किया है और नावेल भी पढ़े हैं
दोस्तों ने हमारे लिए अपने जज़्बात, खतों में आदान प्रदान किये हैं
जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये है
दोस्तों का गहरा प्यार है दोस्ती
दूर होकर भी जो दूर ना लगे
एक ऐसा ही एहसास तो है दोस्ती
” जिंदगी का अनमोल रतन है दोस्ती
जिंदगी जीने का दूसरा नाम है दोस्ती ”
हम दोस्तों के साथ मोहल्ले के बुज़ुर्गों को देख कर
नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे
जिन्होने वो खूबसूरत रिश्ते और उनकी मिठास बांटना सिखाया है
दोस्त कम पढ़े लिखे ही सही, उनके घर भले ही छोटे सही
मगर क़द में वो हमेशा कहीं ज्यादा बड़े हुआ करते थे
हम ही वो खुशनसीब लोग हैं, जिन्होंने दोस्तों के बीच रिश्तों की मिठास महसूस की है…
जिंदगी में दोस्त बनते हैं एक ही बार
लेकिन वे याद आते हैं बार-बार
मुसीबत में साथ देने हर पल तैयार
” जिंदगी का अनमोल रतन है दोस्ती
जिंदगी जीने का दूसरा नाम है दोस्ती ”
प्रेम के सागर की पतवार है दोस्ती
विश्वास की मजबूत दीवार है दोस्ती
होली के रंगों की तरह होती है दोस्ती
सावन के झूलों की तरह होती है दोस्ती
जीवन में अमावस की रात भी आए अगर
टिमटिमाते दीपों की दिपावली है दोस्ती
इसीलिए तो हमेशा यादगार बनें दोस्ती
” जिंदगी का अनमोल रतन है दोस्ती
जिंदगी जीने का दूसरा नाम है दोस्ती “