जिंदगी….एक सोच
शीर्षक – जिंदगी…एक सोच
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जिंदगी में सच कुछ नहीं है।
जिंदगी एक सोच होती हैं।
बस एक दूसरे का साथ है।
वो भी न पल पता हमको है।
जब हम सभी को जानते हैं।
सच तो बस यही जीवन हैं।
आज के पल हम जीते हैं।
सच हां बस यही जिंदगी हैं।
न अपना न पराया होता हैं।
बस एक हमारी सोच हैं।
हां सच सोच कर देखना है।
सच ज़िंदगी एक हमारी सोच हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र