जिंदगी एक पहेली
जिंदगी एक पहेली है इसको कैसे सुलझाऊं मैं,
इस बेरंग जिंदगी मे कैसे रंग बिखराऊं मैं।।
दुनिया कहती है मुझसे जिंदगी बहुत हसीन होती हैं,
थोड़ी सी मीठी थोड़ी सी नमकीन होती हैं।।
इक दिन आएगा जब जिंदगी को हम समझ जाएंगे,
गमो को दूर खुशियों को नजदीक लाएंगे।।
मेरे हाथों मे हैं मेरी जिंदगी क्या इसे संभाल पाएंगे,
लम्हे जोड़ रहे है हम क्या इसे याद रख पाएंगे।।
कांटों को पार करके फूलों को सजाऊं मैं,
जिंदगी एक पहेली है इसको कैसे सुलझाऊं मैं।।
कृति भाटिया।।