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3 Jun 2023 · 1 min read

जिंदगी उदास बैठी हैं ##

दूर कही जिंदगी उदास बैठी हैं !!

कहीं झरने कहीं पहाड़ो पर !!
कभी तितलियों के पिछे कभी उमड़ते बादल में !!

कहीं विरान जंगलों में !!
कहीं नदी के किनारे !!

खुद को भुलाये हुए बैठे हैं !!
नही याद हमें कब ख़ुशी से झुमे थे !!

कब बारिस में भीगते हुऐ !!
एक एक बुंद को माथे पर सजाये थे !!

छप्पर से टपकते बूंद को !!
हथेलियों पर महसूस करके खुशी झुमे थे !!

जिंदगी उदास बैठी हैं दूर कही !!
हमसे नराज हो कर बैठी हैं !!

उम्मीदों का क़त्ल किया हमने !!
जिंदगी भी रुठ गयी हमसे !!

जिंदगी को खुश करते हैं तो !!
ज़िम्मेदारीयां रुठ जाती हैं !!

उम्मीद तो रोज आकर जगाती हैं !!
कानों में फुसफुसा कर जाती हैं !!

हौसला भी कहता हैं !!
आगे बढ़ो हसरतें खुशी से झुम उठती हैं !!

फिर एहसास जिम्मेदारी का हाथ थामे !!
दरवाजे पर खड़ा मिलता हैं !!

ख्वाहिश को तो हमने बेदखल कर दिया है !!
रोज नयी नयी बन के आ जाती थी !!

जिंदगी की कहानियां सुनाने !!
दूर कही उदास बैठी हैं जिंदगी !!

अब तो मग ने भी थक कर बोल दिया !!
हमसे नहीं होती तुम्हारे दिल की दरवानी !!

और आँसुओं का हाथ थाम कर चल दिया !!
आँखों को अलविदा कह दिया !!

ये कह कर चल दिया !!
कब तक हम तुम्हारे साथ रहेंगे !!

जिन्हें तुमने हमसे ज्यादा चाहा !!
उन्होंने तो तेरा साथ नहीं दिया तुम्हे तन्हा छोड़ दिया !!

मैंने भी मान लिया सबकी बातें !!
और अलविदा कह दिया !!

लेखिका
मीना सिंह राठौर
नोएडा उत्तर प्रदेश

1 Like · 245 Views
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