* जिंदगी अगर शायरी होती *
जिंदगी अगर शायरी होती
ना तुम मुझसे यूं दूर होती
अहसास हरदम रहता यूं
जिंदगी मजबूर ना होती
कहते रात को फलसफे
दिन फिर रात ना होती
अगर वक्त रहते मिलते
हिज्र की रात ना होती
?मधुप बैरागी
जिंदगी अगर शायरी होती
ना तुम मुझसे यूं दूर होती
अहसास हरदम रहता यूं
जिंदगी मजबूर ना होती
कहते रात को फलसफे
दिन फिर रात ना होती
अगर वक्त रहते मिलते
हिज्र की रात ना होती
?मधुप बैरागी