जा़लिम मोहब्बत
बडी़ जा़लिम है ये मोहब्बत,
सोने भी नहीं देती,
रोने भी नहीं देती ।
वो खुदगर्ज निकले मोहब्बत में,
और हमसे कहते है,
दिल में मासूमियत बचा के रखना ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया ( म.प्र.)
बडी़ जा़लिम है ये मोहब्बत,
सोने भी नहीं देती,
रोने भी नहीं देती ।
वो खुदगर्ज निकले मोहब्बत में,
और हमसे कहते है,
दिल में मासूमियत बचा के रखना ।।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया ( म.प्र.)