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24 Aug 2024 · 1 min read

जाय फिसल जब हाथ से,

जाय फिसल जब हाथ से,
जीवन आता चेत ।
मुट्ठी में कब ठहरती,
यह जीवन की रेत ।।

सुशील सरना / 24-8-24

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