जाम से नही,आंखो से पिला दो
जाम से नही,आंखो से पिला दो।
इन आंखों को जरा तो मिला दो।।
जीने का कोई तो मुझे सिला दो।
अपने प्यार का बोसा खिला दो।।
मरने वाले को अब तो ज़िला दो।
जान आ जाए उसको हिला दो।।
इश्क की घुट्टी हमे भी पिला दो।
नही तो हमे जहर ही पिला दो।।
सबको सकूं हमे दुःख दिला दो।
तारीफ नही करो कोई गिला दो।।
रस्तोगी मांगता है बस एक चीज।
इस चमन में कोई फूल खिला दो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम