जाम-ए-हुस्न
बिजली जब भी घटा पर छा जाती है!
वो ज़ुल्फों से चेहरे को छुपा जाती है!
शर्म सजा के अपने रुखसार गालों पे!
जाम-ए-हुस्न नज़रों से पिला जाती है!
AnoopS©
03 Nov 2019
बिजली जब भी घटा पर छा जाती है!
वो ज़ुल्फों से चेहरे को छुपा जाती है!
शर्म सजा के अपने रुखसार गालों पे!
जाम-ए-हुस्न नज़रों से पिला जाती है!
AnoopS©
03 Nov 2019