Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

जान मिल गई

तू मिली यू मुझे जैसे जान मिल गई|
मरते हुये को इक जिंदगी मिल गई||

तू ही जीवन मेरा तू ही जान है मेरी,
आज गेरो मे अपना सा कोई मिल गया

जबसे देखा तुझे तबसे जाना तुझे,
मेरे दिलने दिलवर माना तू तुझे

इक मरते हुये को जेसे जान मिल गई
मुरझानी कली जो अब खिल गई

खुशियाँ भी मिली आबरू मिल मिल गई
दो तन मे जान सी दवा  मिल गई

Language: Hindi
11 Likes · 600 Views

You may also like these posts

मिलते हैं...
मिलते हैं...
ओंकार मिश्र
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
Hindi Dictionary - डिक्शनरी इंग्लिश टू हिंदी - हिंदी डिक्शनरी | Hindwi Dictionary
Hindi Dictionary - डिक्शनरी इंग्लिश टू हिंदी - हिंदी डिक्शनरी | Hindwi Dictionary
Hindi Dictionary
खुलकर जी लो जिंदगी एक बार मिली है प्यारे..
खुलकर जी लो जिंदगी एक बार मिली है प्यारे..
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
शोभा कुमारी
चन्द्रघन्टा माँ
चन्द्रघन्टा माँ
Shashi kala vyas
लोहड़ी
लोहड़ी
Savitri Dhayal
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
सुख, संपत्ति, संयम, सादगी, सफलता, साधना, संस्कार, स्वास्थ्य,
सुख, संपत्ति, संयम, सादगी, सफलता, साधना, संस्कार, स्वास्थ्य,
Anamika Tiwari 'annpurna '
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
*बुज़ुर्गों ने कहा है*
*बुज़ुर्गों ने कहा है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन जितना
जीवन जितना
Dr fauzia Naseem shad
Where is the will there is a way
Where is the will there is a way
Dr Archana Gupta
बेटी-नामा
बेटी-नामा
indu parashar
क्यों न आएं?
क्यों न आएं?
Ghanshyam Poddar
अतिशय माया के चक्कर में
अतिशय माया के चक्कर में
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।
■ अधकचरों की भीड़ के बीच उपजता है अर्द्धसत्य।
*प्रणय*
डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं
डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं
Rambali Mishra
जो कहना है खुल के कह दे....
जो कहना है खुल के कह दे....
Shubham Pandey (S P)
4130.💐 *पूर्णिका* 💐
4130.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तराना
तराना
Mamta Rani
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
राधा अब्बो से हां कर दअ...
राधा अब्बो से हां कर दअ...
Shekhar Chandra Mitra
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
किस जरूरत को दबाऊ किस को पूरा कर लू
किस जरूरत को दबाऊ किस को पूरा कर लू
शेखर सिंह
Loading...