Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2023 · 1 min read

जाने वाले साल को सलाम ,

जाने वाले साल को सलाम ,
आने वाले साल को सलाम ।
इन दोनों सालों से,ये है पैगाम,
देश बने महान यहाँ,बने सब कलाम ।
और हो यहाँ कल्याण और हो यहाँ कल्याण ,
जय हो हिन्दुस्तान,जय हो हिन्दुस्तान ।
मेरा देश महान, मेरा देश महान ।।

266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संतोष
संतोष
Manju Singh
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
I want to hug you
I want to hug you
VINOD CHAUHAN
कविता ---- बहते जा
कविता ---- बहते जा
Mahendra Narayan
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
घुंटन जीवन का🙏
घुंटन जीवन का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फूल भी खिलते हैं।
फूल भी खिलते हैं।
Neeraj Agarwal
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मुस्कान
मुस्कान
Santosh Shrivastava
प्रकृति की सुंदरता देख पाओगे
प्रकृति की सुंदरता देख पाओगे
Sonam Puneet Dubey
तुम नग्न होकर आये
तुम नग्न होकर आये
पूर्वार्थ
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गुरु का महत्व
गुरु का महत्व
Indu Singh
4072.💐 *पूर्णिका* 💐
4072.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
DrLakshman Jha Parimal
लम्बे सफ़र पर चलते-चलते ना जाने...
लम्बे सफ़र पर चलते-चलते ना जाने...
Ajit Kumar "Karn"
Pyaaar likhun ya  naam likhun,
Pyaaar likhun ya naam likhun,
Rishabh Mishra
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दे दो हमें मोदी जी(ओपीएस)
दे दो हमें मोदी जी(ओपीएस)
Jatashankar Prajapati
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
दोहा सप्तक. . . . शिक्षा
दोहा सप्तक. . . . शिक्षा
sushil sarna
........?
........?
शेखर सिंह
हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए
हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
"फूल बिखेरता हुआ"
Dr. Kishan tandon kranti
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...