जाने क्या-क्या ? / (गीत)
पूज रहे हैं
लोग बहुत से
जाने क्या-क्या ?
चूहा, बिल्ली,
हाथी, मरकट ।
पत्थर-वत्थर,
कूडा-करकट ।
भोग रहे हैं
भोग बहुत से
जाने क्या-क्या ?
सजे दिवाले,
खुले शिवाले ।
मंदिर,मस्जिद
मढ़,मठ बाले ।
जोड़ रहे हैं
जोग बहुत से
जाने क्या-क्या ?
राजनीति के
कीटाणु से,
धर्म-ध्वजा के
जीवाणु से
फैल रहे हैं
रोग बहुत से
जाने क्या-क्या ?
पूज रहे हैं
लोग बहुत से
जाने क्या-क्या ?
००००
—- ईश्वर दयाल गोस्वामी ।