Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2020 · 1 min read

जाने कैसी बात चली है

गीतिका

जाने कैसी बात चली है ।
सहमी-सहमी बाग़ कली है ।

जिन्दा होती तो आजाती
सायद बुलबुल आग जली है ।

दुख का सूरज पीढ़ा तोड़े
सुख की मीठी रात ढली है ।

नींद कहाँ बसती आँखों में
जब से घर बुनियाद हिली है ।

महक उठा आँगन खुशियों से
जब-जब माँ की बात चली है ।
000

अशोक दीप✍️
जयपुर

Language: Hindi
2 Likes · 5 Comments · 755 Views

You may also like these posts

चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
चुनाव में मीडिया की भूमिका: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तू कौन है?
तू कौन है?
Sudhir srivastava
शीर्षक:कौन कहता हैं कि..?
शीर्षक:कौन कहता हैं कि..?
Dr Manju Saini
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
पिता
पिता
Neeraj Agarwal
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
" शौक "
Dr. Kishan tandon kranti
* अरुणोदय *
* अरुणोदय *
भूरचन्द जयपाल
गुड़िया की शादी
गुड़िया की शादी
अरशद रसूल बदायूंनी
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
चलो आज खुद को आजमाते हैं
चलो आज खुद को आजमाते हैं
डॉ. दीपक बवेजा
*रिश्वत लेना एक कला है (हास्य व्यंग्य)*
*रिश्वत लेना एक कला है (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
16-- 🌸उठती हुईं मैं 🌸
Mahima shukla
बस कुछ दिन और फिर मैं घर जाऊंगा,
बस कुछ दिन और फिर मैं घर जाऊंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4665.*पूर्णिका*
4665.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
— कैसा बुजुर्ग —
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
व्योम को
व्योम को
sushil sarna
बेटी का बाप हूँ न
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
Rj Anand Prajapati
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
🙅ख़ुद सोचो🙅
🙅ख़ुद सोचो🙅
*प्रणय*
मैं ख़ुद से ज्यादा तुझसे प्यार करता हूँ
मैं ख़ुद से ज्यादा तुझसे प्यार करता हूँ
Bhupendra Rawat
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
नरसिंह अवतार विष्णु जी
नरसिंह अवतार विष्णु जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मतदान पर दोहे( दमदार)
मतदान पर दोहे( दमदार)
Dr Archana Gupta
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
gurudeenverma198
Loading...