!! जानें कितने !!
(१)
अम्न के राह में जाने
रोड़े हैं कितने
लोग अपनों में दुश्मन
बटोरे हैं कितने
ज़ुल्म सहने की”चुन्नू”
कोई हद तो होगी
नफ़रतों ने घर जाने
तोड़े हैं कितने —
(२)
मुखौटा मासूम चेहरे का
ओढ़े हैं कितने
रिश्ते मंझधार में जाने
छोड़े हैं कितने
पत्थरों की शिकायत
करूँ भी तो कैसे
फूलों ने दिल जाने
तोड़े हैं कितने —
(३)
दरमियाँ इश्क़ के रिश्ते
टूटे हैं कितने
ख़ुशमिज़ाजी मेरा देख
रूठें हैं कितने
हमसफ़र जिंदगी का
कहूँ उनको कैसे
बेवक्त शाख़ से पत्ते
टूटे हैं कितने —
(४)
भरोसे में दिल जाने
टूटे हैं कितने
अश्क़ के मोती आँखों से
छूटे हैं कितने
“चुन्नू” उल्फत की बातें
कहूँ उनसे कैसे
ख़्वाब के आईनें जाने
टूटे हैं कितने —
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)