जाना था
जाना था, जाना चाहिए था
चली जाती तो अच्छा था
शायद और काश से उबर कर
तेरे साथ हो जाती तो अच्छा था
सोचने से सब बिगड गया
जिन्दगी का रुख बदल गया
सोचने समझने के फेर में
सुनहरा वक्त निकल गया
चित्रा बिष्ट