जाति से खुद को जोड़ो 【कुंडलिया】
जाति से खुद को जोड़ो 【कुंडलिया】
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छोड़ो जग – बंधुत्व को ,छोड़ो जग से प्यार
जातिवाद की धुन रचो , जाति-बंधु हों यार
जाति – बंधु हों यार ,जाति-सम्मेलन करना
राजनीति में शक्ति , जेब में ऐसे भरना
कहते रवि कविराय ,जाति से खुद को जोड़ो
मानवता है व्यर्थ , वृहद-चिंतन सब छोड़ो
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451