जाति धर्म के नाम पर, चुनने होगे शूल ।
जाति धर्म के नाम पर, चुनने होगे शूल ।
तभी देश में प्यार के, सुरभित होंगे फूल ।
आजादी से हिन्द की,मत करना खिलवाड़ –
कमतर इसको आंकना, होगी भारी भूल ।
सुशील सरना /
जाति धर्म के नाम पर, चुनने होगे शूल ।
तभी देश में प्यार के, सुरभित होंगे फूल ।
आजादी से हिन्द की,मत करना खिलवाड़ –
कमतर इसको आंकना, होगी भारी भूल ।
सुशील सरना /