जाति-दंश की कविताएं
मेरी लिखी हुई
हर पंक्ति
मेरे अस्तित्व का
एक अंश है!
कविता बन-बनकर
आता जो
मेरे भीतर का
जाति-दंश है!!
Shekhar Chandra Mitra
#AmbedkarVision
मेरी लिखी हुई
हर पंक्ति
मेरे अस्तित्व का
एक अंश है!
कविता बन-बनकर
आता जो
मेरे भीतर का
जाति-दंश है!!
Shekhar Chandra Mitra
#AmbedkarVision