जातिवाद के जहर ने
जातिवाद के जहर ने,
तोड़ा सकल समाज।
आरक्षण के किन्तु हैं,
लाखों बैरी आज।
लाखों बैरी आज
रो रहे ये ही रोना।
बना कोढ़ का खाज,
आज आरक्षण होना।
कह संजय समझाय
बीज मत बो विवाद के।
बेहतर होगा काट
जहर को जातिवाद के।
संजय नारायण
जातिवाद के जहर ने,
तोड़ा सकल समाज।
आरक्षण के किन्तु हैं,
लाखों बैरी आज।
लाखों बैरी आज
रो रहे ये ही रोना।
बना कोढ़ का खाज,
आज आरक्षण होना।
कह संजय समझाय
बीज मत बो विवाद के।
बेहतर होगा काट
जहर को जातिवाद के।
संजय नारायण