जाग की सुबह हो गयी
तू कहां खो गयी
तू जाग की सुबह हो गयी
प्रतीक शक्ति का
कहां अबला हो गयी
सब रास्ते तेरी तरफ
और हर रास्ते तेरी मंजिल की तरफ है
तू कंहा रास्ते मे भटक गयीं
जाग की सुबह हो गयी
विश्व को जन्म दिया
अब उससे क्यों घबराती है
तू ही नेतृत्वकर्ता है
कहाँ अनुयायी के अंधेरे में अटक गई
जाग की सुबह हो गयी
@आनंदश्री