जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम, अपने अधिकारों के लिए।
संघर्ष करो, अपने अधिकारों को पाने के लिए।।
जो जंग तुम्हारी है, वह तुमको ही लड़नी होगी।
चलना तो पड़ेगा तुमको, मंजिल अपनी पाने के लिए।।
जागो जागो तुम—————————-।।
बिना मांगे किसी से, कुछ नहीं मिलता है।
मेहनत किये बिना, काम नहीं चलता है।।
यह किस्मत तुम्हारी तो, तुमको ही लिखनी होगी।
कष्ट सहने होंगे तुमको, जीवन में सुख पाने के लिए।।
जागो जागो तुम—————————-।।
जीवन रोशन करने के लिए, अंधेरा मिटाना होगा।
साकार ख्वाब करने के लिए, उम्मीद जगाना होगा।।
पाने के लिए सम्मान तुमको, पसीना बहाना तो होगा।
छोड़ना होगा तुम्हें डरना , जीवन में जीत पाने के लिए।।
जागो जागो तुम—————————-।।
मत करावो शोषण अपना, खामोश ऐसे तुम रहकर।
मत बेचो तुम सम्मान अपना, गुलाम ऐसे तुम बनकर।।
नहीं हार कभी अपनी मानो, इन पापी- जुल्मियों से।
हो जावो तुम तैयार, न्याय- सम्मान को पाने के लिए।।
जागो जागो तुम—————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)