जागो अब जागो
क्यों अपने अस्तित्व को गाड़ रहा है
हिन्दु होकर हिन्दुत्व को मार रहा है
सब मिलकर एक जुट नहीं हो
एक एक करके टुट रहे हो
अपनी ही संस्कृति से छुट रहे हो
लोभ और मिथ्या में डुब रहे हो
अपनें लोगों को ही लुट रहे हो ।
सनातन सत्य जो सदा रहा
उस पर मिथ्या का आरोप है
अधर्म की राह पर चल रहा
ये कैसा तेरा लोभ है ।
कमी तेरी एकता की
सदा तुझें गुलाम बनाती है
राज कराती है बाहर के धर्म को
खूद से अधर्म कराती है ।
जाग जा अब तो तु ए हिन्दु
छोड लालच और लोभ का मोह
अपना ले अपनों को तु
उनसे न नाता तोड़ ।
जाग जा अब तो तु ए हिन्दु
छोड लालच और लोभ का मोह
एक एक खत्म हो जायेगा सनातन तेरा
बचेगा न तु किसी भी छोर
रख अपनें धर्मों की मर्यादा
मर्यादा पुरुषोत्तम राम तु होगा
नहीं भटकेगा राम अपनी नगरी को
सब के दिल में उसका वास होगा।
नहीं भटकेगा राम किसी नगरी को
सब के दिल में उसका वास होगा।