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29 Sep 2024 · 1 min read

“जागू मिथिलावासी जागू”

“जागू मिथिलावासी जागू”
नुकेने छी अपन प्रतिभा ,किया आहाँ मौन बैसल छी !
करू आहाँ राज्य केँ निर्माण ,जखन मिथिला मे जन्मल छी !!
प्रवासी ज्यों बनल छी त सदा भाषा क नहिं छोडू !
रहू मैथिल बनल सब दिन नऽ अपन मान केँ तोडू !!
करू सब काज मिलजुल केँ नहिं कखनो भेद केँ राखू !
सकल छी मैथिले हम सब नऽ कखनो विभेद केँ आनू !!
@ डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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