*जाओ ले संदेश शुभ ,प्रियतम पास कपोत (कुंडलिया)*
जाओ ले संदेश शुभ ,प्रियतम पास कपोत (कुंडलिया)
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जाओ ले संदेश शुभ ,प्रियतम पास कपोत
उनसे कहना प्रेम का , वर्षा मधुरिम स्रोत
वर्षा मधुरिम स्रोत , व्योम में बादल छाते
घिरती दिन में रात ,मस्त सब मन हो जाते
कहते रवि कविराय ,प्रिये अब तुम भी आओ
झूलें हम – तुम साथ ,नहीं फिर आकर जाओ
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कपोत = कबूतर
व्योम = आसमान
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451