जाओ न तुम
रूठ कर इस तरह हमसे जाओ न तुम
ये कदम बेरुखी का उठाओ न तुम
है तुम्ही से हमारी सनम ज़िन्दगी
मर ही जायेंगे हम छोड़ जाओ न तुम
फेर लेते हो आंखें हमें देखकर
गैर इतना भी हमको बनाओ न तुम
मुस्कुरा बेवजह ही रहे आज हो
दर्द अपना यूँ हमसे छुपाओ न तुम
नाम दिल पर तुम्हारे हमारा लिखा
टूट जाओगे खुद वो मिटाओ न तुम
‘अर्चना’ को नहीं तुमसा प्यारा कोई
अपनी झूठी कसम देखो खाओ न तुम
24-08-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद